Loading..

Blogs

सूचीकरण शोध नवनीत लेखमाला- लेख २० बृहच्छान्ति स्तोत्र-गच्छभेद से प्रचलित पाठ परम्परा : एक परिचय पं. संजय कुमार झा

समाज में विधि-विधान, पूजा-पाठ, प्रतिष्ठा, उत्सव, मांगलिक कार्य व अन्य विविध अवसरों पर शान्तिस्तोत्र के पाठ का प्रचलन प्राचीन काल से ही रहा है।...

Read More

जैनेंद्रसागर मुनिकृत महावीरजिन २७ भव स्तवन गणि सुयशचंद्र-सुजसचंद्रविजयजी

प्रस्तुत कृति प्रभु महावीरना चरित्र पर प्रकाश पाथरती लघु रचना छे। कृतिकारे अहीं विविध देशीओमां रचायेली ८ ढाळोमां प्रभु वीरना २७ भवोनी वर्णना सुंदर...

Read More

अप्रकाशित कृति परिचय लेखमाला-लेख १६ महादेवीसूत्र की दीपिका टीका : कृति परिचय लेखक- संजय कुमार झा

महादेवीसूत्र की दीपिका टीका। अर्थात् महादेवीसूत्र ज्योतिष ग्रन्थ की संस्कृतभाषामय दीपिका टीका। टीकाकार का नाम-वाचक धनराज। ये अंचलगच्छीय आचार्य श्रीभाववर्द्धनसूरि के प्रशिष्य एवं वाचक भुवनराज के शिष्य थे। टीका की भाषा-संस्कृत, कृति प्रकार-गद्य।  विषय-ज्योतिष, ग्रंथाग्र-१५००, रचना संवत्- वि.सं.-१६९२, रचना स्थल-पद्मावतीपत्तन। संलग्न कुल हस्तप्रतों की संख्या-१४ है। इसमें ७ प्रतें सम्पूर्ण एवं ७ प्रतें अपूर्ण हैं। वर्त्तमान में उपलब्ध सूचना के अनुसार यह जानकारी दी गई है। सूचीकरण कार्यगत प्रत संपादनादि कार्यों में शुद्धि-वृद्धिपूर्वक प्रत सम्बन्धी सूचनाओं में परिवर्तन सम्भव है। कृति की मूल सूचनाएँ यथावत् रहेंगी।

Read More

सूचीकरण शोध नवनीत लेखमाला- लेख १९ विविधगच्छीय नवस्मरण-सप्तस्मरण कृति व पाठ स्पष्टीकरण लेखक- संजय कुमार झा

नित्य स्मरण करने योग्य, स्वाध्याय करने योग्य अथवा मांगलिक प्रसंगों में पाठ करने हेतु विशेष रूप नवस्मरण का उपयोग किया जाता है। यह एक...

Read More

आचार्य विजयदेवसूरिकृत २४ जिन नमस्कार सा. विनीतयशाश्रीजी म.सा. (नेमिसूरि समुदाय)

आचार्य श्रीविजयदेवसूरिजी द्वारा करायेल चोवीश(२४) भगवानना गुणोने वर्णवती आ रचना छे। कृतिनी विशेषता ए छे के एक-एक गाथा द्वारा प्रत्येक परमात्मानी स्तवना कराई छे।...

Read More

सुमतिरंग मुनिकृत (जिन) कवित्त चौवीसी गणि सुयशचंद्र-सुजसचंद्रविजयजी

हिंदी भाषामां रचायेली प्रस्तुत कृति मूळे चोवीस तीर्थंकरोने आश्रयीने करायेली अद्भुत स्तवना छे। कृतिकार सुमतिरंगे अहीं कवित्त नामना काव्य प्रकारमां परमात्माना विविध गुणवैभवने सुंदर...

Read More