एक दृष्टि में कृति परिचय : मूलकृतिनाम- जातकपद्धति, कर्ता-हर्षविजय, गुरु-सुखविजय, भाषा-संस्कृत, कृति प्रकार-पद्य, विषय-ज्योतिष, श्लोक-९३, रचना संवत्-१७६५, रचना स्थल-नवीननगर, संलग्न कुल हस्तप्रतों की संख्या-५९,...
प्रस्तुत स्तवनमां श्री शत्रुंजय उपर सिद्ध अवस्था पामेला महापुरुषोना नामोल्लेखपूर्वक शत्रुंजयतीर्थनी स्तवना कराई छे। कर्ताने आसो मासनी रात्रीए स्वप्नमां दादानां दर्शन थयां अने कृति...
आधुनिक इतिहासकारों ने बौद्ध ग्रंथों के कतिपय आधारों से बुद्ध एवं महावीर को समकालीन माना है। बुद्ध एवं महावीर की समकालीनता प्रस्थापित करने के लिए बौद्धग्रन्थों के साथ जैनागमों का अध्ययन भी अत्यंत आवश्यक है। बौद्धग्रन्थों में महावीर स्वामी के लिए निवेदन किए...
कुल ८४ पद्योमां गूंथायेल प्रस्तुत रचना सिरोही नगरना आदिनाथ प्रभुना चौमुख जिनालयनी प्रतिष्ठाने वर्णवती ऐतिहासिक रचना छे। कृतिकारे अहीं भाषा तथा वस्तु ए बे...